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केएन बक्शी कॉलेज में राष्ट्रीय नीति एवं शिक्षकों की भूमिका पर संगोष्ठी का आयोजन

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बेंगाबाद के करमाटांड में स्थित केएन बक्शी कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति एंव शिक्षकों की भूमिका पर मंगलवार को एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी उपस्थित हुवे। अन्य वक्ताओं में कॉलेज ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ शिव शक्ति बक्सी, विनोबा भावे यूनिवर्सिटी के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ एसपी सिन्हा, कॉलेज ट्रस्ट की डॉ निशा बक्सी आदि मौजूद रहे।

बता दे कि इस कॉलेज को विनोबा भावे यूनिवर्सिटी से इवनिंग कॉलेज की मान्यता भी मिल गई है। कार्यक्रम से पूर्व इवनिंग कॉलेज का उद्घाटन विधिवत रूप से किया गया। संगोष्ठी के मौके पर श्री कोठारी ने कहा कि एकाग्रता शिक्षा का मूल आधार हैं। इससे वातावरण बदलता है।उन्होंने कहा कि मनुष्य का मन चंचल है। मस्तिष्क में कई तरह के विचार चलते रहते हैं। उदाहरण के तौर पर कहा कि बच्चे स्कूल में बैठ कर पढाई कर रहे हैं, लेकिन उनका मन कही और भटका हुआ है। शिक्षक पाठ्यक्रम की जानकारी देकर चले गए गए। मन विचलित होने के कारण छात्र उस पाठ्यक्रम को ध्यान नहीं सुन सके, जिससे वे शिक्षक द्वारा बताये गए बातों को ठीक से नही समझ पाये। इसलिए उन्होंने आचार्यों को स्कूल जाने के बाद सबसे पहले छात्रों को एकाग्रचित्त करने का प्रयास करे।मौके पर

डा एसपी सिन्हा, डॉ शिव शक्ति बक्शी समेत अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे।कार्यक्रम के मौके पर कॉलेज के छात्र छात्राओं ने गीत संगीत से वहां का समां बांध रखा था। कार्यक्रम में कॉलेज ट्रस्ट के सचिव रणविजय शंकर, उपप्राचार्य बिनोद कुमार सुमन, प्रो पवन कुमार सुमन, शंकर पंडित, डा सुरेश यादव, प्रो मदन कुमार, डा गौतम कुमार गुप्ता, प्रो सुमित कुमार सहित कई अन्य शिक्षा विदों ने भाग लिया था।

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