आज 10 मई शनिवार को गिरिडीह व्यवहार न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह,मार्तंड प्रताप मिश्रा, कुटुंब न्यायाधीश धनंजय कुमार, जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम मनोज चन्द्र झा, पुलिस अधीक्षक डॉ विमल कुमार , सचिव जिला अधिवक्ता संघ चुनुकांत के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया ।
इस कार्यक्रम में उपस्थित आमजनों एवं पक्षकारों को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह मार्तंड प्रताप मिश्रा ने कहा कि आज के इस राष्ट्रीय लोक अदालत में आप सभी पक्षकारगण अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाने के लिए इस प्रांगण में उपस्थित हैं। यह इसकी महत्ता एवं जन-जन तक इसकी पहचान को प्रदर्शित करता है।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन आपको सस्ता, सुलभ एवं त्वरित न्याय प्रदान करने हेतु माननीय डालसा, नई दिल्ली के निर्देश पर पूरे देश में आज के दिन किया जा रहा है। आज का दिन आमजनों एवं पक्षकारों को ही समर्पित है। इस राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान पक्षकार अपने मुकदमों को आपसी सहमति एवं सुलह समझौते के आधार पर निष्पादित करवा कर न सिर्फ मुकदमे बाजी से बच सकते हैं बल्कि आपस में भाईचारा एवं बंधुभाव स्थापित कर समाज में मिसाल कायम कर सकते हैं। लोक अदालत में आपके आपसी सहमति के आधार पर मामलों का निष्पादन होने की वजह से सामान्य परिस्थितियों में इसमें अपील नहीं होती है, इस कारण से दोनों पक्षकारों के बीच के विवाद को स्थाई रूप से खत्म किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजनों से पक्षकारों को अपने मामलों में त्वरित निष्पादन का लाभ तो मिलता ही है साथ ही साथ न्यायालय का बोझ भी कम होता है। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलहनीय आपराधिक मामलों, पारिवारिक मामलों, सिविल मामलों, बैंक मामलों, वाहन दुर्घटना वाद से संबंधित मामलों, बिजली, वन, उत्पाद, माप तौल, खाद्य सुरक्षा इत्यादि विभागों से संबंधित मामलों का निष्पादन लोक अदालतों के माध्यम से होने से आम जनों को काफी राहत मिलता है।
इस कार्यक्रम के दौरान कुल 45402 मामलों का निष्पादन किया गया, जिसमें कुल 3 करोड़ 15 लाख 16 हजार 81 रूपए की सुलहनीय राशि संबंधित पक्षकारों को तथा राजस्व के रूप में विभिन्न विभागों को प्राप्त हुआ है।
कार्यक्रम में गिरिडीह न्याय मंडल के सभी न्यायाधीशगण, जिला प्रशासन की ओर से सभी विभागों के पदाधिकारी एवं कर्मचारी, सभी अधिवक्ता गण, न्यायिक कर्मचारी गण उपस्थित थे।