गिरिडीह राजनीति

सरना धर्म कोड़ की मांग को लेकर झामुमो का एक दिवसीय धरना, मंत्री सुदिव्य सोनू हुए शामिल, कहा केंद्र सरकार आदिवासियों के साथ कर रही है अन्याय

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सरना धर्म कोड़ को झारखण्ड में लागु कराने की मांग को लेकर आज पुरे झारखण्ड में झामुमो के द्वारा धरना – प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस धरना – प्रदर्शन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सूबे के नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू शामिल हुए। शहर के टावर चौक में आयोजित इस धरना – प्रदर्शन कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में झामुमो के कार्यकर्त्ता शामिल हुए।

इस दौरान कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा की सरना धर्म कोड़ लागु कराने के लिए देश की 12 करोड़ आदिवासी परिवार आंदोलन कर रही है। उन्होंने कहा की जिस प्रकार से दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने झारखण्ड राज्य बनाने के लिए लड़ाई लडी थी और लड़कर झारखंड को हासिल किया था, ठीक उसी तरह अब सरना धर्म कोड़ को भी लागू कराने का काम किया जायेगा, इसके लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा आंदोलनरत है।

उन्होंने कहा कि झारखण्ड सरकार द्वारा सरना धर्म कोड/ आदिवासी धर्म कोड विधेयक को झारखण्ड में 11 नंवबर 2020 को एक विशेष सत्र आयोजित कर सर्वसम्मति से पारित किया गया था। झारखण्ड विधान सभा से उक्त प्रस्ताव को पारित कर राज्यपाल के माध्यम से केन्द्र के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया था। परन्तु आज लगभग 05 वर्ष उपरान्त भी सरना/अदिवासी अस्मिता और पहचान से जुड़े इस विधेयक पर केन्द्र सरकार द्वारा कोई निर्णय नही लिया गया। यह केन्द्र सरकार की चिर निंद्रा दर्शाती है कि आदिवासी समुदाय के प्रति भाजपा की क्या मानसिकता है?

धरना को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब 1972 में दिशोम गुरू शिबू सोरेन ने कहा था कि झारखण्डियों के लिए झारखण्ड ही अलग राज्य होगा तो उस समय सभी ने मजाक उड़ाया था। परन्तु 15 नवंम्बर 2000 को जब झारखण्ड अलग हुआ तो पुरा देश देखता रह गया। उसी तरह आज दिशोम गुरू ने कहा है कि देश के 12 करोड़ आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड मान्य हो तो ये होकर ही रहेगा।

मौके पर केदार हाजरा, प्रणव वर्मा, दिलीप मंडल, बबली मरांडी, प्रमिला मेहरा, ज्योति सोरेन, नुनुराम किस्कु, कोलेश्वर सोरेन, प्रधान मुर्मू, हरिलाल मरांडी, बिरजु मरांडी, राकेश सिंह रॉकी, अभय सिंह, योगेन्द्र सिंह, राकेश सिंह टुन्ना, शिवम आजाद, सुमित कुमार, अशोक राम, मेहताब मिर्जा, दिलीप रजक, कृष्ण मुरारी, अनिल राम, महावीर मुर्मू, प्रदोष कुमार, भरत यादव, नूर अहमद, हसनैन अली, मो॰ जाकीर, छक्कु साव, विजय सिंह, नरेश यादव, पप्पु रजक, हरि मोहन कंधवे, अमित चंद्रवंशी सहित हजारो कार्यकर्ता उपस्थित थे।

 

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