पांच साल पहले 3 करोड़ की राशि से ईस्ट रेल जोन के अधीन गिरिडीह रेलवे स्टेशन की स्थिति को बदला गया था जिसमें आसनसोल डीआरएम की खास भूमिका रही थी। लेकिन फिर भी गिरिडीह स्टेशन की हालत सही नहीं है। इसी मामले को लेकर ईस्ट रेल कंज्यूमर परामर्श दात्री के सदस्य प्रदीप अग्रवाल चेंबर ऑफ कॉमर्स के निर्मल झुनझुनवाला और आरटीआई कार्यकर्ता सुनील खंडेलवाल ने मंगलवार को गिरिडीह स्टेशन का जायजा लिया।
इस दौरान उन्हें स्टेशन के बदतर हालत दिखाई दिए । स्टेशन पर मैनेजर भी नजर नहीं आए। जब उनके बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि वह अपना हाजिरी बनाकर सुबह 10:00 बजे वाली ट्रेन से वापस चले जाते हैं।
निरीक्षण के दौरान एक भी कंप्लेंट रजिस्टर भी नहीं मिला जिस पर यात्री अपनी शिकायत दर्ज करवा सके। इस दौरान परामर्श दात्री सदस्यों ने आसनसोल डीआरएम को पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि गिरिडीह स्टेशन में फर्स्ट सेकंड के वेटिंग हॉल का हालत सबसे खराब है वॉशरूम में भी हमेशा ताला लगा रहता है यहां तक कि पेयजल की लगी मशीन भी गंदगी के बीच में पड़ी है जिसकी वजह से लोग पानी भी नहीं पी पाते हैं।